बेटियां शीतल हवाएं ही नहीं हैं
शक्ति हैं ये शक्ति का पूजन करो अब.
ये धरा सी सहनशीला,
गगन सा विस्तार इनमे.
विगत आहत को सम्हाले
वर्तमान हुलास इनमे.
इन्हें बेचारी न कह वंदन करो अब,
शक्ति हैं ये शक्ति का पूजन करो अब.
दीप बेटा है अगर तो
वहीँ बेटी वर्तिका है
वंश का गौरव दिए से
और बाती से सजा है.
ये समय को दे रही आवाज़
अभिनन्दन करो अब,
शक्ति हैं ये शक्ति का पूजन करो अब.
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