लेखनी तू हर लहर पर अब हमारा नाम लिख दे.
पुलिन तक फिर कौन जाये,
हम कभी जाएँ न जाएँ.
और जीवन के भंवर में
हैं बड़ी अनजान राहें .
जब समय की हाट पर घिरने लगें बादल धुएं के,
लेखनी तब हर डगर पर तू हमारा नाम लिख दे.
खो न जाये हम समय की तेज धारा में
लेखनी तू हर लहर पर अब हमारा नाम लिख दे.
खो गया बचपन हठीला.
कामना के पंख ले
उड़ता रहा जीवन सजीला.
रात अंधियारी घिरे जब, गगन पर बिखरे सितारे,
लेखनी तू हर सितारे पर हमारा नाम लिख दे.
खो न जाये हम समय की तेज धारा में
लेखनी तू हर लहर पर अब हमारा नाम लिख दे.
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